कान का मैल साफ करे और कान में होने वाले संक्रमण से बचाए
हमारे शरीर के अन्दर की गंदगी को बाहर निकालने के लिये हमारे शरीर के हर हिस्से में एक जगह होती है। जिससे हम शरीर की गंदगी को बाहर निकलते है ऐसे ही हमारे कानों में भी मैल जमा हो जाता है जिसे साफ करना बहुत जरूरी होता है। अगर इस मैल को साफ नहीं किया जाये तो यह कान में बहुत बुरी तरह से जम जाती है जिसकी वजह से कानों से सुनाई देना भी कम हो जाता है तथा कानों में तेज़ दर्द भी होता है। और कान मे संक्रमण होने का खतरा बन जाता है
नारियल : बादाम, नारियल या सरसों के असली तेल की थोड़ी सी बूंदों को रात में सोते समय कान में डाल लें। सुबह उठने पर किसी रूई से कान को साफ कर लें। इन तेलों में से किसी भी एक तेल को अगर रोजाना कान में डालें तो कान में मैल नहीं जमता और कान बिल्कुल साफ रहते हैं।
रीठा : रीठे के पानी को किसी छोटी सी पिचकारी या सिरिंज (वह चीज जिससे कि कान के पास ले जाकर दवाई को सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सके) में भरकर कान में डाल दें। इससे कान के अन्दर मैल या और कुछ होगा वह मुलायम हो जायेगा फिर किसी रूई की मदद से इसे निकाल लें।
नमक : पिसे हुए सांभर नमक को थोड़े से पानी में मिलाकर इसकी थोड़ी सी बूंदें कान में डाल लें। 15 मिनट के बाद गुनगुने पानी में आधा ग्राम मीठा सोड़ा मिलाकर कान में पिचकारी से डालें। इससे मैल साफ हो जायेगा और फिर कान को रूई के फाये से साफ कर लें।
गिलोय : गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके कान में 2-2 बूंदें दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है और कान साफ हो जाता है।
नीम : नीम के पत्तों की भाप कान में लेने से कान का मैल बाहर निकल जाता है और कान बिल्कुल साफ हो जाता है।
भांगरा : भांगरा और समुद्रफल को खाने से कान बिल्कुल साफ हो जाता है।
गिलोती : गिलोती को पानी के साथ पीसकर हल्का-सा गर्म करके कान में डालने से कान का मैल और कान में अगर कुछ और चीज है तो वह बाहर निकल जाती है।
सावधानी बरतें : कान की सफाई का ध्यान शुरू से ही देना जरूरी है
हमारे शरीर के अन्दर की गंदगी को बाहर निकालने के लिये हमारे शरीर के हर हिस्से में एक जगह होती है। जिससे हम शरीर की गंदगी को बाहर निकलते है ऐसे ही हमारे कानों में भी मैल जमा हो जाता है जिसे साफ करना बहुत जरूरी होता है। अगर इस मैल को साफ नहीं किया जाये तो यह कान में बहुत बुरी तरह से जम जाती है जिसकी वजह से कानों से सुनाई देना भी कम हो जाता है तथा कानों में तेज़ दर्द भी होता है। और कान मे संक्रमण होने का खतरा बन जाता है
निम्न औषधियों से इलाज-
नारियल : बादाम, नारियल या सरसों के असली तेल की थोड़ी सी बूंदों को रात में सोते समय कान में डाल लें। सुबह उठने पर किसी रूई से कान को साफ कर लें। इन तेलों में से किसी भी एक तेल को अगर रोजाना कान में डालें तो कान में मैल नहीं जमता और कान बिल्कुल साफ रहते हैं।
रीठा : रीठे के पानी को किसी छोटी सी पिचकारी या सिरिंज (वह चीज जिससे कि कान के पास ले जाकर दवाई को सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सके) में भरकर कान में डाल दें। इससे कान के अन्दर मैल या और कुछ होगा वह मुलायम हो जायेगा फिर किसी रूई की मदद से इसे निकाल लें।
नमक : पिसे हुए सांभर नमक को थोड़े से पानी में मिलाकर इसकी थोड़ी सी बूंदें कान में डाल लें। 15 मिनट के बाद गुनगुने पानी में आधा ग्राम मीठा सोड़ा मिलाकर कान में पिचकारी से डालें। इससे मैल साफ हो जायेगा और फिर कान को रूई के फाये से साफ कर लें।
गिलोय : गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके कान में 2-2 बूंदें दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है और कान साफ हो जाता है।
नीम : नीम के पत्तों की भाप कान में लेने से कान का मैल बाहर निकल जाता है और कान बिल्कुल साफ हो जाता है।
भांगरा : भांगरा और समुद्रफल को खाने से कान बिल्कुल साफ हो जाता है।
गिलोती : गिलोती को पानी के साथ पीसकर हल्का-सा गर्म करके कान में डालने से कान का मैल और कान में अगर कुछ और चीज है तो वह बाहर निकल जाती है।
सावधानी बरतें : कान की सफाई का ध्यान शुरू से ही देना जरूरी है
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